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Bird flu को लेकर पिट्सबर्ग के वैज्ञानिकों ने चेताया, कहा- महामारी का खतरा!

Bird flu: बर्ड फलू पर शोध करने वाले वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि H5N1 वायरस महामारी का कारण बन सकता है! पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय में पक्षी फ्लू का अध्ययन करने वाले डॉ. सुरेश कुचिपुड़ी का कहना है कि यह वायरस इस तरह से बदल रहा है कि यह मनुष्यों में आसानी से फैल सकता है।

H5N1 एक अत्यंत खतरनाक पक्षी इन्फ्लुएंजा वायरस है जो पक्षियों में गंभीर बीमारी और मृत्यु का कारण बन सकता है. यह वायरस मनुष्यों को भी संक्रमित कर सकता है और हाल के वर्षों में इसके कारण कई मौतें हुई हैं।

हालांकि अभी यह वायरस आसानी से मनुष्यों के बीच नहीं फैलता, लेकिन इस बात का खतरा है कि यह बदलकर तेजी से फैलने लगे. अगर ऐसा होता है, तो यह पूरी दुनिया में फैलने वाली महामारी का कारण बन सकता है।

डॉ. कुचिपुड़ी का कहना है कि इस महामारी को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है कि पक्षियों में इस वायरस को फैलने से रोका जाए. मुर्गियों को टीका लगाकर और संक्रमित झुंडों को अलग करके ऐसा किया जा सकता है.

उन्होंने यह भी कहा कि इस वायरस पर कड़ी निगरानी रखना और नए टीके व उपचार विकसित करना जरूरी है.

अतिरिक्त जानकारी:

पिट्सबर्ग के वैज्ञानिक ने बर्ड फ्लू को लेकर चेताया, कहा- महामारी का खतरा!

पिट्सबर्ग में पक्षी फ्लू पर शोध करने वाले डॉ. सुरेश कुचिपुड़ी ने चेतावनी दी है कि एच5एन1 वायरस बड़ी संख्या में स्तनधारी जीवों को संक्रमित कर सकता है, जिनमें इंसान भी शामिल हैं। उन्होंने दावा किया कि यह वायरस धीरे-धीरे महामारी का रूप ले सकता है।

डॉ. कुचिपुड़ी ने कहा कि बर्ड फ्लू का संक्रमण दुनिया में जगह-जगह अभी भी मौजूद है और बड़ी संख्या में स्तनधारी अभी भी उससे संक्रमित हो रहे हैं। उन्होंने कहा, “यह समय आ गया है कि हमें इसके खिलाफ तैयारी करनी चाहिए वरना हालात गंभीर हो सकते हैं।”

डॉ. कुचिपुड़ी की चेतावनी के कुछ प्रमुख बिंदु:

हमें क्या करना चाहिए?

यह भी ध्यान रखें:

डॉ. कुचिपुड़ी की चेतावनी एक गंभीर चिंता का विषय है। हमें इस वायरस के खिलाफ तैयारी करनी चाहिए और इसे फैलने से रोकने के लिए सभी आवश्यक सावधानियां बरतनी चाहिए।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े डरा रहे हैं

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों के अनुसार, साल 2003 से एच5एन1 वायरस से संक्रमित होने वाले हर 100 मरीजों में से 52 की मौत हो चुकी है। इसका मतलब है कि एच5एन1 की मृत्यु दर 50% से ज़्यादा है।

इसकी तुलना में, कोरोना वायरस की मृत्यु दर महामारी की शुरुआत में कुछ जगहों पर 20% थी, जो बाद में गिरकर सिर्फ 0.1% रह गई थी। बर्ड फ्लू के अब तक सिर्फ 887 मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें से 462 की मौत हो चुकी है।

बर्ड फ्लू: क्यों है कोरोना से भी ज़्यादा खतरनाक?

मीडिया रिपोर्ट्स में कुछ विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि बर्ड फ्लू का संक्रमण कोरोना महामारी से भी ज़्यादा खतरनाक हो सकता है। उनका दावा है कि बर्ड फ्लू से फैली महामारी कोरोना से 100 गुना ज़्यादा जानलेवा हो सकती है।

बर्ड फ्लू में मृत्यु दर कोरोना से बहुत ज़्यादा होगी और अगर यह वायरस इंसानों में बदलने लगा तो यह और भी खतरनाक हो सकता है।

क्या हमें बर्ड फ्लू से डरना चाहिए?

यह सच है कि बर्ड फ्लू एक गंभीर खतरा है, लेकिन हमें घबराने की ज़रूरत नहीं है। अभी तक बर्ड फ्लू का वायरस इंसानों में आसानी से नहीं फैल रहा है। हम कुछ सावधानियां बरतकर खुद को बचा सकते हैं, जैसे:

हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि वैज्ञानिक बर्ड फ्लू पर लगातार नज़र रख रहे हैं और वे इस वायरस से बचाव के लिए नए टीके और उपचार विकसित करने पर काम कर रहे हैं।

यह भी ध्यान दें:

For more information visit on the official link of WHO: https://www.who.int/westernpacific/emergencies/surveillance/avian-influenza

 

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